शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहर को
हाथ लिए गुण लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे न जाए लागत हूँ पद को
जय देव जय देव
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहर को
हाथ लिए गुण लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे न जाए लागत हूँ पद को
जय देव जय देव
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारोदर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
सम्पति संतति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मुझको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय देव जय देव
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारोदर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
जय देव जय देव
घालिन लोताङ्गन वंदिन चरण डोळ्यांनी पाहीं रूप तुझे ।
प्रेम आलिङ्गिन आनंदन पूजिन भावें ओवाळीं म्हाने नमा । ।
त्वमेव माता पिता त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देव । ।
काएं वाच मनसेंद्रियैर्वा बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतिस्वभावा ।
करोमि यद्यत् सकलं पारसमई नारायणायेति समर्पयामि । ।
अच्युतम केशवं रामनारायणं कृष्ण दामोदरं वासुदेवं हरि ।
सम्पति संतति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मुझको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय देव जय देव
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारोदर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
जय देव जय देव
प्रेम आलिङ्गिन आनंदन पूजिन भावें ओवाळीं म्हाने नमा । ।
त्वमेव माता पिता त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देव । ।
काएं वाच मनसेंद्रियैर्वा बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतिस्वभावा ।
करोमि यद्यत् सकलं पारसमई नारायणायेति समर्पयामि । ।
अच्युतम केशवं रामनारायणं कृष्ण दामोदरं वासुदेवं हरि ।
श्रीधरम माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामधरान्द्रम भजे । ।
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
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