यह महाराष्ट्र में क्या हो रहा है ? क्या किसी को दिख नहीं रहा कि कुछ नेतागण अपने किन्ही स्वार्थों के कारण सीधे-साधे नागरिकों में मनमुटाव पैदा कर रहे हैं।
इन श्रीमान नेताजी की बातों से पहले तो लोगों में कोई मन मुटाव नहीं था। इन श्रीमान ने कुछ अच्छा बुरा कहा और लोगों में मनमुटाव पैदा हो गया। बहुत बार ऐसा लगता है के हमारे नागरिकों में इतनी समझ तो होनी चाहिए कि इन नेताओं कि बातों का तत्त्व निकाल कर सोचें। बहुत बार ऐसे ख़याल भी आते हैं कि हमारे नेताओं को भी बुद्धिमानी दिखानी चाहिए और सोच समझ कर बयान बाजी करनी चाहिए।
सोच कर देखें...
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